दान की जमीन का हो रहा है व्यवसायिक उपयोग
शिवपुरी
देश भर में अयोध्या में भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की धूम है वहीं दूसरी ओर शिवपुरी में कई मंदिरों को दान में मिली जमीनों को माफियाओं ने कब्जा रखा है है, शिवपुरी शहर में ही सैकड़ों बीघा जमीन का दुरुपयोग हो रहा है। मंदिर माफी की जमीन पर कई जगह खेती हो रही है तो कहीं व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। पटवारी, आरआई से लेकर तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर स्तर पर मंदिर माफी की जमीनें मुक्त कराने की कोई पहल नहीं की जा रही है।
शिवपुरी शहर के पटवारी हल्का शिवपुरी टुकड़ा नंबर-2 में शहर के तीन बड़े मंदिरों की जमीन है। आईटीबीपी के सामने, गुना बायपास रोड और फतेहपुर रोड के आसपास मंदिरों की काफी जमीन है। सालों पहले लोगों ने मंदिरों के लिए यह जमीनें दान दी थीं। इन जमीनों का मंदिरों के हित में इस्तेमाल होने की वजह से भू-माफिया खेती कर रहे हैं या फिर व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने से लोग खुश है, लेकिन शिवपुरी में भूमाफिया के कब्जे से मंदिरों की जमीनें मुक्त नहीं होने से लोगों में हताशा है।
1. गरुड़ गोविंद मंदिर:
जमीन पर मोटर गैराज, ट्रैक्टर ऐजेंसी, पार्किंग व होटल संचालितः गरुड़ गोविंद मंदिर के नाम से सर्वे नंबर 897 स्कवा 2.3930 हेक्टेयर जमीन फतेहपुर रोड किनारे है। मौके पर आधी जमीन खाली पड़ी है। आधी जमीन पर मोटर गैराज, गाड़ी पार्किंग, ट्रैक्टर ऐजेंसी, होटल आदि खुले हैं। सर्वे नंबर 880 रकवा 0.2930 हेक्टेयर में से थीम रोड किनारे दुकानें हैं। एक हिस्से में धर्मकांटा, मैकेनिक व ऑटो पार्ट्स की दुकानें खुली हैं। सर्वे नंबर 907 रकवा 3.0720 हेक्टेयर, सर्वे नंबर 906 स्कवा 1.3270 हेक्टेयर व सर्वे नंबर 920 रकवा 1.9540 हेक्टेयर खाली पड़ी है। मंदिर की 20 सर्वे नंबरों में कुल 10.918 हेक्टेयर जमीन दर्ज है।
2. मारुति हनुमान मंदिर: थीम रोड किनारे
दुकानें, जमीन पर खेती भी हो रही है: खेड़ापति हनुमान मंदिर के नाम से 13 सर्वे नंबरों में कुल 6.875 हेक्टेयर जमीन है। सर्वे नंबर 879 रकवा 1.1700 हेक्टेयर में से कुछ जमीन खाली व कुछ पर खेती हो रही है। कुछ पर मकान बन गए हैं और थीम रोड किनारे दुकानें हैं। सर्वे नंबर 882 रकवा 1.8290 हेक्टेयर, सर्वे नंबर 908 रकवा 1.4000 हेक्टेयर में खेती हो रही है। बायपास सड़क की दूसरी तरफ सर्वे नंबर 936 रकवा 0.9610 हेक्टेयर में खेती हो रही है। सर्वे नंबर 921 रकवा 0.2720 हेक्टेयर में से निजी रास्ता निकाल दिया है।
3. राज राजेश्वरी मंदिर: जमीन पर
होती हो रही. किसी तरह का लेखा जोखा नहीं: प्राचीन राज राजेश्वरी मंदिर के नाम से पटवारी हल्का शिवपुरी टुकड़ा नंबर-2 में ही पांच सर्वे नंबर है। इनमें सर्वे नंबर 904, रकवा 1.9650 हेक्टेयर, मौके पर खेती हो रही है। सर्वे नंबर 912 रकवा 0.8880 हेक्टेयर और सर्वे नंबर 914 रकवा 1.9540 हेक्टेयर में भी खेती हो रही है। मंदिर की आसपास के गांवों में भी जमीन है। जमीन से होने वाली आय से मंदिर पर कब और कैसे खर्च की जा रही है, इसका लेखा जोखा नहीं है।
गौशालाओं के लिए उपयोग में ली जा सकती हैै भूमि
मंदिरों की सैकड़ों बीघा जमीन खाली पड़ी हैं, जिसका किसी भी रूप में इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इन जमीनों पर गोशालाएं खुल जाएं तो आवारा गोवंश को आसानी से रखा जा सकता है। शहर में सड़कों पर घूमने वाले गोवंश से लोगों को भी राहत मिलेगी। नगर पालिका, प्रशासन और समाजसेवी संस्थाओं की तरफ से अभी तक ऐसी कोई पहल नहीं की गई है।
अतिक्रमण हटाकर जमीनें खाली कराएंगे
मंदिर माफी की जमीनों पर यदि कब्जे हैं तो हम दिखवाएंगे। अतिक्रमण हटाकर जमीनें खाली कराएंगे। जमीनों का गोशाला आदि कायों के लिए इस्तेमाल करने मंदिर समिति निर्णय ले सकती हैं। इस तरह के सुझाव पर हम कार्य कराएंगे।
रविंद्र कुमार चौधरी
कलेक्टर शिवपुरी